तू साल का अंतिम पन्ना,
मैं साल का पहला अक्षर।
दोनों मिलकर,
बनाते हैं जीवन का नक्शा।
तू उम्मीदों का अंत,
मैं उम्मीदों का जन्म।
दोनों मिलकर,
देते हैं जीवन को नया चर्म।
तू साल का अंत,
मैं साल का आरंभ।
दोनों मिलकर,
गाते हैं जीवन का गान।
तू दिसंबर,
मैं जनवरी का महीना।
दोनों मिलकर,
बनाते हैं नया सीना।