असफलता को मात दो यारो,
कुछ तो ज़ोर लगाओ दिल से !!
टेन्शन को अब गोली मारो,
कुछ तो ज़ोर लगाओ मन से !!
ना कुछ पाना ना कुछ खोना,
दुनिया एक अजायबघर है !!
ज्यादा सोचता क्यूँ है पगले,
जीवन एक धरमशाला है !!
थोड़ी सी भी खुशी मिले तो,
लुत्फ उठाओ पूरे मन से !!
जो है उठता गिरता इक दिन,
जो जीता है मरता इक दिन !!
मरना ही है जब इक दिन तो,
जश्न मना लो फिर खुश तन से !!
- ऑथर वेदव्यास मिश्र की मोटिवेशनल👍कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




