कुछ लोग जानकर बार बार हाल पूछते हैं
क्यों नहीं तेरे जी पर कुछ जंजाल पूछते हैं
नजरें झुकाकर हम खिसक जाएँ चुपचाप
हरदम मिलने पर बस ऐसे सवाल पूछते हैं
टूट जाते हैं कितने दिल होकर चूर चूर यहां
बेवफा यार ही जब वफ़ा पे ख्याल पूछते हैं
कहाँ अपनी किस्मत जो मिले दाद खुलकर
महफिलों में सभी अब हुश्ने जमाल पूछते हैं
क्या लिखा हमारी किस्मत में बताओ दास
पर काट डाले क्यों भला नौ निहाल पूछते हैं