कोई नहीं है वो मेरा,
फिर भी सब कुछ बन गया।
कल तक वो अजनबी था,
आज बहुत ही करीबी बन गया।
भाई कहूं या दोस्त उसे,
दोनों तरह का रिश्ता बखूबी उसने निभाया है।
इस अनजान सफ़र ने,
उसे मेरा बनाया है।
एक पहर में ही वो इतना गहरा
अपना बन गया,
मानो कि खून का बिछड़ा रिश्ता मिल गया।
वो पेश आया मेरे साथ बिल्कुल ऐसे
जैसे बड़ा भाई हो,
देख उनका ये भाव मेरा मन खुशी से भर गया।
दो दिन में वो इतना जान गया मुझे,
कि मेरे चेहरे से मेरा हाल जान लेता है।
आज सुबह बड़ी परेशान थी मैं पर वो वाक़िफ़ हो
मेरे चेहरे को देख मेरे हाल से,
मेरी परेशानी को दूर कर देता है।
कोई नहीं है वो मेरा,
फिर भी सब कुछ बन गया।
कल तक वो अजनबी था,
आज बहुत ही करीबी बन गया।
✍️💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐