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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

कोई नहीं है वो मेरा

कोई नहीं है वो मेरा,
फिर भी सब कुछ बन गया।
कल तक वो अजनबी था,
आज बहुत ही करीबी बन गया।

भाई कहूं या दोस्त उसे,
दोनों तरह का रिश्ता बखूबी उसने निभाया है।
इस अनजान सफ़र ने,
उसे मेरा बनाया है।

एक पहर में ही वो इतना गहरा
अपना बन गया,
मानो कि खून का बिछड़ा रिश्ता मिल गया।
वो पेश आया मेरे साथ बिल्कुल ऐसे
जैसे बड़ा भाई हो,
देख उनका ये भाव मेरा मन खुशी से भर गया।

दो दिन में वो इतना जान गया मुझे,
कि मेरे चेहरे से मेरा हाल जान लेता है।
आज सुबह बड़ी परेशान थी मैं पर वो वाक़िफ़ हो
मेरे चेहरे को देख मेरे हाल से,
मेरी परेशानी को दूर कर देता है।

कोई नहीं है वो मेरा,
फिर भी सब कुछ बन गया।
कल तक वो अजनबी था,
आज बहुत ही करीबी बन गया।
✍️💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना,बहुत सुंदर रचना!आपको सादर प्रणाम

रीना कुमारी प्रजापत replied

Pranam 🙏 shukriya

वन्दना सूद said

बहुत सुन्दर शब्दों से सजाया आपने अपनी भावनाओं को 👏👏🙌🏻🙌🏻अति सुन्दर रचना

रीना कुमारी प्रजापत replied

Aabhar aapka

श्रेयसी said

Bahut sunder 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

अर्पिता पांडेय said

बहुत सुंदर पंक्तियां हैं

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much 🙏

Sanjay Srivastva said

वाह, अंजान रिश्तों में आपने जान डाल दी, लाजवाब

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya 🙏🙏

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