सौंप देना संकल्प सारे कुछ नही शेष रखना।
आज से तुम नयन में नेह के अवशेष रखना।।
चाँद से अब मत उलझना याद रखना सर्वदा।
कच्चे तन की चाँदनी की रंगत में होश रखना।।
अब हमारी ख़ुशबूओ से हो चलेंगे फूल भारी।
मात्र सुधियों में हमारे श्यामवर्णी केश रखना।।
आज जूड़े़ में जरा-सा अनमना सावन कसेगा।
है कठिन बिजलियों के प्राण में आवेश रखना।।
याद है अभिसार कहीं भूले तो नही 'उपदेश'।
प्रेम के हर एक वचन का ख्याल विशेष रखना।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद