नज़राना प्यार का
तेरे दीदार का
तेरे हुस्न ओ शबाब का
तेरे शबनमी होठों
तेरे महकतें गुलाल का
लाया मैं नज़राना तेरे
प्यार का।
खाली पड़ी थी जिंदगी
करता नहीं था बंदगी
बेरंग उदास रंगहीन सी ।
शरबती आँखें में तेरी
देखा मैने जब से
रंगीनियां सी भर गईं
जिंदगी में मेरी तब से
तू जाने बहार हो गई
दिलरुबा दिलजान हो गई
तू खय्याम की रूबाई
तू मल्लिका हुस्न करिश्माई
तू रूप सौंदर्य की देवी
तू सबसे बड़ी ठिठोली
तेरा हस्ता मुस्कुराता चेहरा
उतर गया दिल में मेरे गहरा
अब लाख बिठा ले कोई पहरा
अब ये दिल दुनिया से ना डरेगा
किया है प्यार तुझे तो इसमें मेरी
खता क्या है ?
अरे प्यार हीं तो किया है
इसमें दुनियां का जाता हीं क्या है?
इसमें दुनियां का जाता हीं क्या है?