आपसे मिलने के बाद बहुत बदल गए थे हम,
आपकी ग़ज़लें पढ़ खुद को समझ गए थे हम।
पहली मुलाक़ात में कुछ असर दिखने लगा था,
तभी तो आपको अपने दर पर बुला आये थे हम।
आपके दिए वक़्त से ज़िंदगी में संभल गए थे हम,
मुझे आपको अपना मानते देख अपने हर ग़म से
उभर गए थे हम।
हमारे बुलाने से आप आये ये हमारी खुशनसीबी थी,
और फिर आपके आने से पूरी तरह सुधर गए थे हम।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




