इतनी गरीबी भी अच्छी नही गाँव हो या शहर।
कि धूप और पानी बिना इजाजत आये अन्दर।।
कैसे गुजर-बसर चल रही उनकी हवा ही जाने।
फिर भी मुस्कुराता चेहरा जंगल ही पालनहार।।
कडी मेहनत से दोस्ती कम से कम में निर्वाह।
मुश्किल जीवन 'उपदेश' प्रकृति से अपार प्यार।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद