घर का मालिक प्यार से उसको उड़ाता रह गया।
घर से निकलने को परिंदा फड़फड़ता रह गया।।
पूछ डाला जब किसी ने घर में घुसने का विचार।
नाम लब पर मोहब्बत का आता जाता रह गया।।
सूरज की किरण खिड़की से बिस्तर गर्म कर गई।
इश्क की हरकत को बेखुदी से देखता रह गया।।
इस तरह कोई घर में आकर वापस जायेगा कैसे।
खूबसूरत ख्वाब में 'उपदेश' मुस्कुराता रह गया।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद