शब्द आने लगते एक दो जाम लेकर।
चर्चायें आम हो जाती तेरा नाम लेकर।।
कभी आती है हिचकियाँ तेरी याद में।
क्या तुझे भी रुलाती मेरा नाम लेकर।।
निगाहों में सुहानी शाम तस्वीर तुम्हारी।
लबों पर गीत थिरकते तेरा नाम लेकर।।
जब कभी बात होती दिल की दिल से।
हवा अठखेलियाँ करती तेरा नाम लेकर।।
तुम ही जीने का बहाना हो मेरे 'उपदेश'।
खुशी चेहरे पर खिलती तेरा नाम लेकर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद