मुखड़ा
नवरात्र की धूम मची है,
आए मैया शेरों पे सवार।
शेरों पे सवार, मैया शेरावाली,
जय-जयकार गूँजे मैया का।
वैष्णोदेवी में कितनी धूम मची है,
सज गया है, देखो मैया का दरबार॥_2
अंतरा 1
नवरात्र की धूम मची है,
आए मैया शेरों पे सवार।
शेरों पे सवार, मैया पहाड़ोवाली,
ढोल-नगाड़े, घंटा बजे घड़ियाल।
भक्तजनों की झोली भर दो माँ,
आस लिए भक्त खड़े तेरे द्वार॥ _2
अंतरा 2
लाल चुनरिया ओढ़े अंबे,
सिंह पे बैठ आई है।
तेरी महिमा गाए सब जग,
भक्त तेरे गुण गाई।
सुख-दुख की हर राह में माँ,
तू ही रखे लाज हमारी॥ - 2
अंतरा 3
तेरे दर पर आए जो भी,
खाली न जाए माता।
सातों बहनें संग में तेरे,
दूर करें विघ्नकाटा।
जय-जयकार करे संसार,
तेरे चरणों का है बस सहारा॥- 2
अंतरा 4
भक्तजनों की झोली भर दो,
माँ तू दया का सागर।
दुष्ट दलन कर भक्तों की,
करती माँ उल्लास॥
तेरे चरणों में है सुख शांति,
तेरे चरणों में है मंगल॥ - 2
(दोहराएँ)
नवरात्र की धूम मची है,
आए मैया शेरों पे सवार।
शेरों पे सवार, मैया जोतावाली,
जय-जयकार गूँजे मैया का।
मां के मंदिर में कितनी धूम मची है,
सज गया है, देखो मैया का दरबार॥-2
प्रो. स्मिता शंकर