मै खुद को भूलता जा रहा हूं..
जिंदगी की भाग दौड़ में
हालातों के कशमकश में
खुद को ढोता जा रहा हूं
मैं खुद को भूलता जा रहा हूं।।
लोगों की बेवफ़ाई में
प्यार की रुसवाई में
खुद को खोता जा रहा हूं
मैं खुद को भूलता जा रहा हूं ।।
अकेलेपन के बस्तियों में
सूनेपन की कश्तियों में
ख्वाहिशों को दफना रहा हूं
मैं खुद को भूलता जा रहा हूं ।।
खामोशियों के आगोश में
तन्हा दिल के फ़िरोश में
खुद का अस्तित्व मिटाए जा रहा हूं
मैं खुद को भूलता जा रहा हूं ।।
भविष्य की आशाओं से
मां पिता के विश्वास से
खुद से फासले बढ़ाते जा रहा हूं
मैं खुद को भूलता जा रहा हूं ।।
- तुलसी पटेल