ग़म खोलकर दिखाना चाहती।
तुम्हारे करीब में आना चाहती।।
दिल के ज़ख्मों का इलाज तुम।
तुमसे मरहम लगवाना चाहती।।
बेख़बर को गर खबर हो जाए।
जैसी गुजरी है सुनाना चाहती।।
अपने हाथ तुम्हारे हाथ में देकर।
अब सारे गम भूल जाना चाहती।।
पलकें दबाती झरने न लग जाए।
गले से 'उपदेश' लगाना चाहती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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