मुकाबला अपने नफ्स से करता है वसी _किसी आदमी से नहीं
बेशुमार आबादी है जहान की जो एक असूल आचरण में नहीं है
दिल दिमाग़ का प्रयोग ऐसी जगह करना जहां से कुछ नहीं मिलना है
बे मुकाबला चलकर जहान में ख़ुद राह बनाना मेरा असूल है वसी
मिले न मिले कुछ तो मिलेगा ज़रूर कहीं न कहीं यहां नहीं तो वहां सही
मेहनत जाया नहीं होता पढ़ चुके थे सच्चे बुजुर्गों की हिकायत बचपन के ज़माने में
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी