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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तन्हा तूने दिल को, क्यों अकेला छोड़ा - अशोक कुमार पचौरी

तन्हा तूने दिल को

क्यों अकेला छोड़ा

राह से मेरी क्यों

मुंह था मोड़ा

मेरे दिल को तनहा

तुमने बनाया

कैसा यह करिश्मा

महफ़िल में दिखाया

तनहा तो मैं हूँ

तनहा तू भी होगी

मुझसे बिछड़ के

तुम जी ना सकोगी

मंजिल तो एक थी

रास्ता क्यों अलग है

लगता जो सही मुझे

तुझे लगता गलत क्यों है

तनहा तूने दिल को

क्यों अकेला छोड़ा

राह से मेरी क्यों

मुंह था मोड़ा

मेरे दिल को तनहा

तुमने बनाया

कैसा यह करिश्मा

महफ़िल में दिखाया

तन्हा था मैं

तनहा ही हूँ

करना रब से दुआ

तन्हा ही रहूँ

रोता था मैं

रोता ही हूँ

करना रब से दुआ

रोता ही रहूँ

मेरा जीवन एक

बहता सा पानी

मैं सपना भी देखूं

तू मेरे सपनों की रानी

सपनों में आना

क्यों तूने छुड़ा

राह से मेरी क्यों

मुंह था मोड़ा

मेरे दिल को तनहा

तुमने बनाया

कैसा यह करिश्मा

महफ़िल में दिखाया

#ashokpachaury @ashokpachaury

Originally published at : https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/ashok-pachaury-why-did-you-left-my-heart-alone


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

यूं इश्क में तन्हा रहा नहीं जाता सर क्या सुन्दर अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है आपने।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

बच्चा था जब यह लिखा था पर बच्चा भी नहीं था दिल टूटने की उम्र में कोई बच्चा नहीं होता - हालाँकि अपने जज्बात मात्र डाले हैं उस वक्त के बाकी तो मैजिक तो यादव सर करते हैं रीना जी करती हैं आचार्य वेदव्यास जी करते हैं अनगिनत नाम हैं जादूगरों के छोटा सा अपनी छोटी ज़ुबान से ले भी नहीं सकता अर्पिता जी हुईं वंदना जी क्या पॉइंट तो पॉइंट ज्ञान की बात करती हैं सब मैजिक है - ताज साहब उनको देखिये पढ़ने के लिए इंतज़ार करता हूँ आप सभी का - अभी आज सुबह ही प्रज्ञा जी के बारे में पढ़ा काफी छोटी उम्र में क्या जज्बा रखती हैं जादूगर तो आप लोग हैं सर आपकी ग़ज़लें मन मोह लेती हैं कई बार बहुत सी रचनायें ऐसी होती हैं कहने के लिए शब्द नहीं होते - आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद सर लेकिन उससे ज्यादा धन्यवाद आपके लेखन के लिए आपकी जादूगरी के लिए

वन्दना सूद said

hear touching 👌👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Thank you mam, it's from heart...

चित्रा बिष्ट said

Very nice

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Pratikriya ke liye aapka bahut bahut aabhaar mam 🙏🙏

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