तन्हा तूने दिल को
क्यों अकेला छोड़ा
राह से मेरी क्यों
मुंह था मोड़ा
मेरे दिल को तनहा
तुमने बनाया
कैसा यह करिश्मा
महफ़िल में दिखाया
तनहा तो मैं हूँ
तनहा तू भी होगी
मुझसे बिछड़ के
तुम जी ना सकोगी
मंजिल तो एक थी
रास्ता क्यों अलग है
लगता जो सही मुझे
तुझे लगता गलत क्यों है
तनहा तूने दिल को
क्यों अकेला छोड़ा
राह से मेरी क्यों
मुंह था मोड़ा
मेरे दिल को तनहा
तुमने बनाया
कैसा यह करिश्मा
महफ़िल में दिखाया
तन्हा था मैं
तनहा ही हूँ
करना रब से दुआ
तन्हा ही रहूँ
रोता था मैं
रोता ही हूँ
करना रब से दुआ
रोता ही रहूँ
मेरा जीवन एक
बहता सा पानी
मैं सपना भी देखूं
तू मेरे सपनों की रानी
सपनों में आना
क्यों तूने छुड़ा
राह से मेरी क्यों
मुंह था मोड़ा
मेरे दिल को तनहा
तुमने बनाया
कैसा यह करिश्मा
महफ़िल में दिखाया
#ashokpachaury @ashokpachaury
Originally published at : https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/ashok-pachaury-why-did-you-left-my-heart-alone
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The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




