New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

सरहद पर एक टिटहरी

मैंने देखा एक टिटहरी,
चौकन्नी और फुर्तीली..
खूब उड़ती, खूब बोलती
आसमां में खूब उड़ने का चाव..

उसकी सारी ज़मीं अपनी..
अपना सारा आसमान..
वहीं पुरानी तान उसकी
वहीं पुराना गान..

कंटीली तारो पर भी
उछल–कूद भरपूर
ना वो मंज़िल दूर थी
ना ये ठिकाना दूर..

मन था उसका भोलाभाला
हुलक हुलक उठती हूक..
इस ज़मीं पर जीमना
उस ज़मीं की भूख..

अनायास ही गरजने लगे
दुश्मनी के हथियार
बारूद की गंध फैल गई
सब बदल गया व्यवहार..।

उसको घेर लिया अज़ीब
आशंकाओं ने..
और दिल बैठा दिया नित
नई अफवाओं ने..।

उसको चाहिए खुली हवा
और फैला आसमां
बंद करो अब तो बदले की आग
और नफरतों का धुंआ..।

इतनी उसकी इल्तिज़ा है
इतना उसका अरमान..
ना तुम खुदा बनो ना बनो भगवान
हो सके तो बन जाओ सच में
एक इन्सान..।


पवन कुमार "क्षितिज"




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

Heart touching 👌👌✍️✍️

Updesh Kumar Shakyawar said

वाह अति उत्तम 🙏🙏

वन्दना सूद said

ना तुम खुदा बनो ना बनो भगवान हो सके तो बन जाओ सच में एक इन्सान..👌👌

Shiv Charan Dass said

बहुत खूब. .. इंसान बनना ही मुश्किल है

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत गहराई से लिखा है आपने! जब तक हम इंसानियत को नहीं अपनाएंगे, तब तक ये आसमान भी बंद-सीज़ होगा 👌👌

पवन कुमार "क्षितिज" said

प्रतिक्रिया से मुझे हौसला देने के लिया आप सभी का आभार करता हूँ..🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन