कविता : हाए हाए....
न आदमी मर्जी से जन्म लेता
न आदमी मर्जी से मरता
फिर जब तक जीता क्यों
आदमी हाए हाए करता ?
फिर जब तक जीता क्यों
आदमी हाए हाए करता.......?
Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।
Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.
Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।
Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है
कविता : हाए हाए....
न आदमी मर्जी से जन्म लेता
न आदमी मर्जी से मरता
फिर जब तक जीता क्यों
आदमी हाए हाए करता ?
फिर जब तक जीता क्यों
आदमी हाए हाए करता.......?