कविता : गया गुजरा....
मैं तुम्हारे लिए मर रहा
तुम दूसरे के लिए मर रही हो
मैं तुम्हें प्यार करता हूं
तुम दूसरों को प्यार कर रही हो
जिसे तुम कर रही प्यार वो किसी
और को प्यार कर रहा
वो उसी लड़की पर
चौबीस घंटा ही मर रहा
ये प्यार में कोई
सफल हो पाएगा ?
ऐसे में सभी के
हाथ शून्य ही आएगा
इस परिस्थितियों में
न कोई सुधरा है
ऐसा प्यार तो संसार में
सब से गया गुजरा है
ऐसा प्यार तो संसार में
सब से गया गुजरा है.......
netra prasad gautam