कविता - दहेज प्रथा....
हमारे देश के कई हिस्सों में
अभी भी दहेज प्रथा है
ये एक बहुत ही बुरी
कथा और व्यथा है
ये कु - प्रथा क्यों नहीं
हटती कभी भी ?
हमारी बेटी और बहुएं
जल रही अभी भी
आज के इक्कीसवी सदी में भी
हम कहां जा रहे ?
इतनी बुरी दहेज प्रथा
रोक भी नहीं पा रहे
इतनी बुरी दहेज प्रथा
रोक भी नहीं पा रहे.......