ये नजदीकियां बहुत ही दूर दिखाई देता है
क़रीब रहते हुए लोग अजनबी दिखाई देता है
कुछ लोग कहते हैं यह मेरा रिश्तेदार है मेरा
हम कहते हैं फकत ये रस्म रिवाज़ कायम है
कोई अपना नहीं होता मुसीबत के आलम में
सभी आदम के औलाद हैं मात्र कहने केलिए
आदम के युग में भाई भाई का कत्ल करते थे
अनपढ़ दौर था शिक्षा उदय नही था वैसा दौर था
वर्तमान में शिक्षित लोग अनपढ़ मालूम होता है
कौन है धर्म बनाकर धर्म का सत्यानाश कर रहा है
वसी अहमद कादरी ! वसी अहमद अंसारी
ब्रह्मांड विचारक ! कबी ! लेखक