कविता : चलो पागल ही सही....
एक कविता जब
मैंने लिखा
वो न किसी ने पढ़ा
न किसी ने देखा
फिर मैं हर किसी के पास
जा कर वाचन किया
वो सुन सभी ने ही मुझ को
पागल बना दिया
चलो मैं एक
पागल ही सही
पर कविता लिखने
छोडूंगा नहीं
पर कविता लिखने
छोडूंगा नहीं.......