कविता - ऐसी प्यार को....
प्रिय कभी पास
आना नहीं
प्यार कभी भी
जताना नहीं
अगर तुम और मैं
प्यार में दो कदम बढ़ गए
देखो प्रिय पूरी तरह
लफड़े में पड़ गए
तुम्हारा और मेरा
प्यार तो हो जाएगा
मगर इस में कोई दूसरा
नजर ही नहीं आएगा
ऐसी ये प्यार को
हम क्या कहें
तुम ही बोलो हम
बोलें या चुप रहें
तुम ही बोलो हम
बोलें या चुप रहें.......
netra prasad gautam