कविता : अपनी इज्जत....
जवानी आई
क्या करें भाई
इधर उधर नजर फेंकी तो
कुछ लड़कियां देखी तो
हाथों से सिटी बजाई
मगर बदले में मार खाई
किसी ने बहुत घुसा उतारा
किसी ने बोला आवारा
तब जा कर समझ में कुछ आया
अपनी इज्जत तो यूं ही मिट्टी में मिलाया
अपनी इज्जत तो यूं ही मिट्टी में मिलाया.......