बाल कविता : आनंद ही आनंद....
लंगड़ा चलने लग जाए
गूंगा बोलने लग जाए
अनपढ़ पढ़ने लग जाए
कमजोर लड़ने लग जाए
अंधा दिखने लग जाए
बुद्धू सीखने लग जाए
ऐसा जादू हो जाए
चोर साधु बन जाए
काश ऐसा सब हो जाए
आनंद ही आनंद आ जाए
आनंद ही आनंद आ जाए.......