कभी आने की
हिम्मत तो करो
चांदनी रात के
टिमटिमाते हुये तारों
की चमचमाहट में
हमारी बाँहों में
सो जाने की
हिम्मत तो करो
मधुर
मुस्कान के साथ
चली आओ
हमारे दिल में
या हमको अपने दिल में
बसाने की
जुर्रत तो करो
तुम याद करो
हम चले आएं
आकर तुम्हारी
बाँहों में सो जाएं
इस तन्हा दिल को
महफ़िल में आने की
इजाजत तो करो
इस तड़पती
तड़पती गरमी की
कड़कती कड़कती धूप
में प्रेम रुपी छांव
की तलाश में
भटकते हुये
इस आशिक़ रही को
अपनी जुल्फों की
शीतल छांव में
आराम करने की
इजाजत तो करो
बढ़ते हुये
जल संकट से
घबराते हुये पथिक की
ख़त्म होती आकांछाओं
के धुंधले से दीपक को
अपने दिल की चाहत से
जलने की हिम्मत तो करो
तूफान से टकराने
और
हार जाने वाले
प्रेमी आवारा योद्धा
की धड़कती हुई
धड़कने सुनकर
एक प्यारी सी मुस्कान
प्यार के साथ
तूफान से टकराने के लिए
और अपना पवित्र दिल
हार जाने के लिए
और एक मौका
आजमाने के लिए
देने की चाहत तो करो
दिन भर तुम्हारी
तलाश में
भटककर
थककर सो
जाने वाले आशिक़ को
प्यारी सी सुबह के
आगमन पर
महकती हुई
सांसों के
मंडित कोलाहल से
तुम्हें पाने के
हसीन ख्वाब
बनाने वाले
तुम्हारे कल को
अपना आज
बनाने की कोशिश तो करो
एक बार उसको जगाने की कोशिश तो करो
जगाकर देखो
प्यार से गले
लगाकर तो देखो
प्यार करने और
जताने की
हिम्मत तो करो
अगर इतनी भी
हिम्मत न हो तो
उस ख्वाब बुनते र|ही
को जगाने की
कभी चाहत न करना
कम से कम किसी को
ख्वाब देखने में मदद करने
की हिम्मत तो करो।
Originally posted at : https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/ashok-pachaury-himmat-4279
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




