फर्क़ पड़ेगा जरूर मगर शुरू कौन करे।
बहुत कुछ बदलेगा इतना सब्र कौन करे।।
समझाने की बात कहाँ से पैदा हुई कहो।
वो सब कुछ जानती है इबादत कौन करे।।
शिकायतें बेशुमार इधर भी और उधर भी।
वक्त रहते हुए उनका निपटारा कौन करे।।
अनकहे शब्द समझने की शक्ति दोनों में।
मुश्किलों के दौर में 'उपदेश' दम कौन भरे।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद
-