खुशी के फूल लेके आये हो तुम मेरी आँखों में
वह होंठों पे आके मुस्कुराने लगे हैं बार-बार ।
तन्हाई के रंग में जलती रही हसीन का दिल
तेरे संग लाकर मुझे सदाबहार में डुबो दिया ।
दर्द की नौका में चलती रही ताउम्र जिंदगी
तेरे सहारा देकर मुझे संगी साथी बना लिया ।
औझल हो गई आँसू आँखों में कहीं दूर जाके
तेरे साथ रह रहकर हर पल जिंदा है मेरे दिल ।


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







