प्रेम बेचैन करता है,
मायूस करता है, डराता है, जोखिम है, दुख है, आंसू है।
दर्द है, बेवफा है, बनावटी है, धोखा है, कयामत है।
जंजीर है, गैर है, तकलीफ है, भावशून्य है, रुकता है, गिरता है, चोट खाता है, ज़ख्मी है, लाचार है, मुसीबत है।
नाइंसाफी है,
और भी गिला शिकवा सितम है,
फिर भी प्रेम जीवंत है,
सत्य प्रकाश है, सत्य पथ है, सत्य आंचल, सत्य रक्त,
सत्य अनुभव है, सत्य मित्र है,
प्रेम नामुमकिन है,
फिर भी मुमकिन है मेरे चाहने से।
मेरी दृढ़ इच्छा शक्ति से,
साहस और इंतजार से,
प्रतीक है यह प्रेम है,
संचार है यह प्रेम है,
तरंग है यह प्रेम है,
आशा है यह प्रेम है,
जिजीविषा है यह प्रेम है,
सुकून है यह प्रेम है,
फूल है यह प्रेम है,
सुगंध है यह प्रेम है,
मेरा सपना है यह प्रेम है,
मेरा लक्ष्य है यह प्रेम है,
प्रेम वह ज्योति है जो जलती है,
प्रेम मूल है इसकी जड़ अकाट्य है,
प्रेम अजय है, प्रेम जितेंद्रिय है,
निर्भय है, जुझारू है, जुनून है,
पारदर्शी है, परिष्कार बिम्ब है,
प्रेम दूरदृष्टि है, प्रेम दूर दृढ़ संकल्प है,
प्रेम योजना निर्मल, कोमल, अखंड, अविकारी, अचल-चल,
समन्वयशाली, सत्य चरित्र है।
प्रेम संपूर्ण है,
ईश्वर के समान,
परम प्रेम, परम अनुभूति, परम संयोग, परमसुख।
प्रेम परम आधार है ,
प्रेम सर्वस्व, सर्वदाता, सर्वग्राही, सर्वस्व कर्ता है।
प्रेम पथ और कोटि-कोटि कोसों दूरी,
प्रेम एक पत्र है जिसे पढ़ने के लिए एक प्रेमी बेताब है,
जिसकी कलम एक कवि की ना होकर एक प्रेमी की है,
प्रेम भाव प्रखरता है, भाव तर्कता है,
प्रेम सुधा रस, सुधा प्राण, सुधा योग।
प्रेम एक त्यागी है, अवधूत है, प्रेम संसार से दूर है,
प्रेम आंगन चमकदार, अलंकृत, रंगीन,
वास्तु कला की अविश्वसनीय वस्तु है जो जीवित है,
हर हृदय की रगों में बहता है, बहता है,
प्रेम को पा लो, बड़ा करो, शिक्षित करो, कर्तव्य समझाओ,
और भेज दो जगत कल्याण के लिए,
प्रेम के लिए प्रेम को तैयार होना होगा,
मैं समझ गया अब तुम भी समझ जाओ,
अमर प्रेम, सत्य प्रेम, अमर संतुलन, अमर साक्षी
प्रेम, प्रेम, सिर्फ प्रेम।।
- ललित दाधीच

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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