देवत्व की चाह है सबको,
गणों की समस्या का समाधान कौन करे!
निज पीड़ा से सब व्यथित,
पर पीड़ा का गान कौन करे!
ईर्ष्या, द्वेष, छल-कपट से पुर सब,
परहित को दान कौन करे!
सकल अवगुण दृष्टव्य अन्यत्र,
अंतर्मन के दोषों का निदान कौन करे!
श्रद्धा-सुमन अर्पित सब करते,
देश प्रेम में आत्मबलिदान कौन करे!
अमरत्व सबको चाहिए,
शिव सम विषपान कौन करे!
🖊️सुभाष कुमार यादव