आस्तीन में पाल रहे हैं जिन्हें शौक से
कभी किसी के वफादार नहीं रहते
जब भी मौका मिलेगा बाहर निकलेंगे
कोई ना मिला आपको ही डस लेंगे
दूध पर हरगिज इन्हे मत पालना कभी
किसी रोज अपने पाश में कस लेंगे
सिर्फ जहर का वरदान मिला है जिन्हें
दास कहाँ अमृत का मान रख लेंगे
हर तरफ अँधेरे ही हमेशा रास आते हैं
उजाले में कहीं और को खिसक लेंगे