यह भूखे भ्रष्टाचारी,
फैला रहे हैं महामारी।
ये मलेरिया के मच्छर,
कागज़ों के सरकारी खच्चर ।
भगवान के नाम पर,
बच्चों के भविष्य के साथ।
करते हैं खिलवाड़ ।
चूस कर खून गरीबों का,
ख्वाब दिखाकर महलों का।
भर रहे अपनी तिजोरी,
करके सीना जोरी।
जाचों से कुछ होता नहीं,
एक्स-रे में कुछ आता नहीं ।
जांच बनी बीमारी है,
भ्रष्टाचारी की,
यही लाचारी है।