जीवन में मतभेद बड़े हैं,
....पर अपनों से खेद बड़े हैं,
जीवन में मतभेद बड़े हैं,
....हर जगह घटिया चापलूस पड़े हैं,
जीवन में मतभेद बड़े हैं,
....गर थक कर आया मैं घर पर,
तानो के जेसे सूल पड़े हैं,
तानो के जेसे सूल पड़े हैं,
....जीवन में मतभेद बड़े हैं,
....जीवन में मतभेद बड़े हैं,
कवि राजू वर्मा द्वारा लिखित
सर्वाधिकार अधीन है