जिंदगी का लम्हा तन्हा है तन्हा,
दर बदर ढूंढता यहां और वहां,
मंजिल मेरी तू है कहाँ,
जिंदगी का लम्हा तन्हा है तन्हा,
दिन गुजर गए महीने बन गए और कुछ महीने साल बन गए,
मगर मैं भटकता यहाँ और वहाँ,
जिंदगी का लम्हा तन्हा है तन्हा,
सुनसान हैं राहें मंजिल ना जाने कहां है,
शायद तू यहां है शायद तू यहां है,
दिल को बहलाता पल पल गीत गाता,
इस दिल में कई दास्तां हैं ना जाने तू कहाँ है,
ना जाने तू कहाँ है,
जिंदगी का लम्हा तन्हा है तन्हा,
सर्वाधिकार अधीन है