तुमने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा
हमने तुम्हारी सीने का गुरूर उजाड़ा
औरों के दम पर, झूठी हस्ती दिखाने वाले
औकात क्या है तेरी, कर्जों में ही जीने वाले
तू जब जब हमारे घर में,आग लगाने आएगा
तब तब अपनी रूह को, जला जला ही पाएगा
हमारे खून को जब जब तू, पानी की तरह बहाएगा
हमारी पानी ही तुम्हें, खून के आंसू रूलाएगा
देख मलबों का ढेर,तू बात जरा समझ ले
कैसे गुजर रही है तेरी, रात जरा समझ ले
आतंकियों का पोषक हो, सारी दुनिया जानती है
कभी नहीं सुधरोगे ये, सारी दुनिया मानती है
तू इस्लामी बंदे नहीं, धर्म पूछ मारने वाले
आदम का आदमी नहीं, मासूमों को संघारने वाले
हमें पता है फिर से तू, गंदी षड्यंत्र करेगा
युद्ध विराम मांगा है,अब जिंदगी मांग मरेगा
धैर्य हमारी विरासत है, अपनी आंखों से देख जरा
कहां खड़ा है तू अब भी, पांवों के नीचे देख जरा
तेरे घमंड से वतन तेरा, खंड खंड हो जाएगा
सोंच, क्या कर लेगा, जब, युद्ध प्रचंड हो जाएगा।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




