बड़ी खूबसूरत है ये दुनियां
इसे जी भर के जियो।
खुशियों की चाह हीं क्यों
खीजा में भी बहारों की हो आरज़ू।
इरादें वादें वफ़ा के करो तुम सदा
क्या होगा दिल तोड़ के
जियो और जीने दो दिल जोड़ के।
नशा पैमानों में नहीं दिलों में होता है।
अक्सर झूमने वाला दिल अंदर से रोता है।
ये उदासी बेहोशी मदहोशी क्यूं
जब जिंदगी जिंदादिली का नाम है ।
कोई विशेष वक्त की ज़रूरत हीं क्या
जब हर शाम एक नई शाम हो।
बनके हमदम कोई हमसफ़र चलती रहे।
हम जीवन के रंगी नज़ारों में हों
और ये सफ़र जिंदगानी की चलती रहे।
रो लिया धो लिया गा लिया बहुत
अब बनके हमकदम साथ चलना है।
सदा आगे बढ़ना है सदा आगे चलना है। आरज़ू नहीं मिन्नतें नहीं कोई
ना चाहतों की लंबी लिस्ट हो।
बस प्यार हो विचार हो
सीधी साधी जिंदगी ना मिलावट ना कोई
ट्विस्ट हो।
बस जिंदगी एक फीस्ट हो।
ना दुखी ना उदास न रिक्वेस्ट कोई।
बस जिंदगी आशा उम्मीदों में खोई।
जब भी खुले चैप्टर कोई उसमें नाम
हमारा हो, उसमे नाम तुम्हारा हो।
बड़ी हीं ख़ूबसूरत है ये दुनियां
इसे जी भर के जियो .....
इसे जी भर के पियो...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




