हर बात लिखी नहीं जाती,
हर बात कहा नहीं जाता ।
कुछ ऐसे फंसाने होते हैं,
ज़ाहिर किया नहीं जाता !!
क़ुदरत ही गवाही होता है,
विश्वास से जो भी होता है ।
रिश्ते कुछ कच्चे धागों से,
आपस मे पक्का होता है ।
हर दोष बताई नहीं जाती,
हर खूबी गिनाया नहीं जाता ।
कुछ बंधन ऐसे होते हैं,
जिसको जताया नहीं जाता !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है