सतरंगी पावन- वसुंधरा पर इन्सान,
ईश्वर का है एकमात्र सृजन-महान,
समस्त जीव-जंतुओं में बुद्धिमान,
बौद्ध-सिख-ईसाई-हिंदू-मुसलमान,
मिथ्या है धर्म संघर्ष समूचे जहान,
सत्तालुलोपित्तता सर्वत्र विद्यमान,
मानवीयता है एक सच्ची पहचान,
सौहार्द सुखशांति और जीवनदान,
सभी इन्सान हैं ईश्वर की संतान ,
बुद्धिमान इंसान कमियों की खान,
जीते-जी हैं बहुतेरे डफली - गान ,
गा-बजा- सुना ले जब तक है जान ,
त्रिपिटक-ग्रंथ-बाइबल-गीता-कुरान ,
चार-दिनी चांदनी फिर अंधेरी-शाम,
अटल-सत्य है शमशान कब्रिस्तान,
एक दिन मिटेगी आन-बान-शान !
✒️ राजेश कुमार कौशल