Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

जीवनशैली

“जीवनशैली”
रुक सी गई है ज़िन्दगी,
थम सी गई हैं राहें,
जानता नहीं है कोई भी,
बिना रंगों के यूँ ही जिए जा रहे हैं।

अकेले ही रास्तों पर चलते हैं,
अकेले अकेले ही मुस्कुराते हैं,
नहीं है ज़रूरत उन्हें किसी दोस्त की भी,
हक़ीक़त से बेख़बर बस जिए जा रहे हैं।

ख़त्म हो गए हैं एहसास सारे,
अधूरी हो गई नींद आँखों की,
सपनों की अलग सी दुनिया है कोई बनाई,
न जाने,कौन से किरदार निभाए जा रहे हैं।

अपने में ही मस्त से रहते हैं,
नहीं है वक़्त अपनों के लिए भी,
ज़िन्दगी की दौड़ को मुक़ाम समझ बैठे हैं,
सोचते हैं सब पा लिया है,असल में सब खोते चले जा रहे हैं॥
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

Very nice 👌 brilliant

वन्दना सूद replied

Thankyou Reena ji 🙏🙏

Shiv Charan Dass said

हम लोग अब खोने को ही पाना समझ रहे हैँ! बहुत अच्छा

वन्दना सूद replied

🙏🙏

श्रेयसी said

बहुत सुंदर लिखा वंदना जी 🙏🙏

वन्दना सूद replied

शुक्रिया श्रेयसी जी 😊

सुप्रिया साहू said

बहुत ही खूबसूरत एवं लाज़वाब रचना मैम 👌😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद replied

आपका बहुत आभार 🙏🙏

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रचना, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

वन्दना सूद replied

सादर प्रणाम sir 🙏🙏😊

उपदेश कुमार शाक्यावार said

हक़ीक़त से बेख़बर बस जिए जा रहे हैं...बहुत सुंदर लिखा वंदना जी 🙏🙏

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 🙏🙏

इक़बाल सिंह “राशा“ said

खोने में पाने का भ्र्म बहुत खूब सुन्दर रचना

वन्दना सूद replied

Shukriya sir 🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन