जय जगन्नाथ
हम अनाथों के नाथ
आप सादर आमंत्रित हैं।
भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी सबकी नयना दर्शना इक्षित हैं
आप सभी भाई बहन का स्वागत है।
पल ये बड़ा मन भावन है।
हे प्रभु हे पालनहारी अब दुःख दूर करो जग की सारी।
अब अपनी आंखों को हम सब पर फेर दीजिए।
सब दुःख दर्द जन जन का हर लीजिए।
हे पालनहार
है विघ्नहर्ता
सुख करता।
भारत के सभी अंधेरों को हर लीजिए ।
बल बुद्धि विद्या ज्ञान सबमें भर दीजिए।
अभी भी पूरी में भगवान का दिल धड़कता है।
जो पूरी दुनियां में जीवन ज्योति भरता है।
जब तक धड़कता रहेगा प्रभु आपका दिल
तब तक पूरी दुनियां कायम है।
ये सोच है उस रब की , कि इस धरती के लिए जहां शदियों पहले वो जन्म लिए और अपनी देश भक्ति की खातिर अभी तक यहीं रहे।
शरीर नश्वर हो गया पर दिल भारत के लिए अभी भी धड़कता है।
कहो क्या तुम्हारा शरीर में भी दिल भारत के लिए ऐसे हीं धड़कता है।
है यह बड़ा हीं पवित्र ऋषि मुनियों देवताओं का यह वर्त यहां हर कोई रहना चाहता है।
जय जगन्नाथ जय जगत के नाथ
आपकी रथ यात्रा की क्या शान क्या बात ।
एक बार जो रथ खींच लेता हजार यज्ञों का लाभ वह पा लेता ।
सचमुच अद्भुत स्वास्थ्यवर्धक अदम्य उत्साह साहस हिम्मत इक्षा का प्रतीक है यह रथ यात्रा।
आओ सब मिल इसका सम्मान करें ।
भगवान जगन्नाथ की मिलकर जय जय जय जयकार करें..
और प्यार से भक्ति भाव से बोलें..
जय जगन्नाथ जय हो तुम्हारी ऐ जगत के नाथ..
जय जगन्नाथ
जय भगवान..
आपका है शत शत सम्मान..
जय जगन्नाथ
जय भगवान..