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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

एक निमंत्रण पत्र- सम्पादक जी के नाम पार्ट-5 का शेष भाग

एक निमंत्रण पत्र- सम्पादक जी के नाम- भाग 5 का शेष भाग

महोदय
हम अपने सैक्टर के बारे में आपसे बता ही रहे थे कि हमारे साथ भी ठीक वैसा ही हुआ, जैसे कोई विरोधी पार्टी का नेता भाषण दे रहा हो और अचानक लाईट चली जाए। हालंकि यह एक मानवीय भूल थी। हम टाईप कर ही रहे थे कि अचानक गलत बटन पर हाथ लग गया और पत्र अपने आप सबमिट हो गया और हम देखते ही रह गए कि ये क्या हुआ।

खैर छोङिए हम आगे का दृश्य बतलाते हैं। हमारी सड़क और तिकौना पार्क में बने स्वीमिंग पूल में बहुत ही अद्भुत एवं आनन्द दायक क्रियाएं सम्पन्न होती हैं, जिसके लिए आपको कोई टिकट खरीदने की आवश्यकता नहीं है। ये न केवल सैक्टर वासियों का मनोरंजन करती हैं बल्कि ऐसा करने की होड़ मची रहती है।

परन्तु इस क्रीड़ा का मजा वही बच्चे, वयस्क और महिलाएं ही ले पाती हैं जिन्होंने स्कूल की बस वापसी के चार्जेज के चन्द सिक्के बचाने की कोशिश की हो, अन्यथा नहीं। स्कूल से वापिस लौटते समय बच्चों को तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई हो, जब वे पानी की छपछप का मजा उछल-उछल कर ले रहे होते हैं। इस कार्य में वे महिलाएं भी पीछे नहीं रहती जो स्कूल से बच्चों को लेकर लौटती हैं। वे भी इस जल क्रीड़ा का पूरा लुत्फ उठाती हैं। साड़ी पहनने वाली महिलाओं के लिए तो यह किसी मॉडलिंग प्रतियोगिता से कम नहीं है, क्योंकि यह उन्हें अंग प्रदर्शन करने का एक दुर्लभ अवसर ही प्रदान नहीं करता, बल्कि यह उन्हें किसी फिल्म की शूटिंग जैसा विशेष और रोमांचक अनुभव भी प्रदान करता है।

कई लोगों के लिए तो यह बड़ा ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है जैसे हाकर, सब्जी रेहड़ी वाले, कबाड़ी, कामवाली आदि। बारिश से सड़क मार्ग में हुए गडढ़े बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं। कई बार सब्जी रेहड़ी वालों की सब्जियां इन गढ़ों के कारण हिचकोले खा कर इस पानी में गिर जाने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे वो गंगाजल में धुल कर सौ प्रतिशत शुद्ध हो गई हों और हम सैक्टर वासी फिर उसे खरीद कर और पका कर ऐसे खाते हैं जैसे किसी फाइव स्टार होटल में लंच और डिनर का मजा ले रहे हों। परन्तु बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि कई बार तो ये सुख भी हमसे छीन लिया जाता है। क्योंकि अलबत्ता तो हमारी आर.डब्ल्यू.ओ. का प्रधान उन्हें हर माह 200 रुपये लिए बिना सैक्टर के अन्दर घुसने ही नहीं देता। इसलिए कोई सब्जी रेहड़ी वाला इधर आता नहीं है, यदि कोई घूस देकर भूले भटके आ भी गया तो हम खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझते हैं, चाहे उससे खरीदी सब्जियों से हमें फूड पायजनिंग होने के कारण अस्पताल में ही दाखिल क्यों न होना पड़े। हम अपने-अपने घरों की बालकनी से अक्सर इस विहंगम दृश्य का आनन्द लेते रहते हैं। इसका लाभ वे लोग भी उठाते हैं जो प्रतिदिन नौकरी या धन्धे पानी के लिए यहां से गुजरते हैं। ऐसे लोग प्राय नाक मुँह सिकोड़ कर नगर निगम के अधिकारियों को कोसते हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन मजाल है कि कोई भी व्यक्ति इसकी शिकायत उनसे करे। हां उनके पास से गुजरने वाली गाड़ियां उनके कपडों पर इतनी सुन्दर चित्रकारी अवश्य कर देती हैं, जिसे देखकर अजन्ता और एलोरा की गुफाओं में बनी मूर्तियां भी शरमा कर अपना मुंह फेर लें।

महोदय यह स्वीमिंग पूल वृद्ध व्यक्तियों के लिए तो एक वरदान है, इस बारे में आपको शेष निमंत्रण पत्र में सूचित किया जाएगा, तब तक मैं अपनी कलम को विराम देते हुए आपसे माफी चाहता हूं।
शेष अगले भाग में ........


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