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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

है मासूम दिल मेरा, कभी इसको ग़म न देना

है मासूम दिल मेरा,
कभी इसको ग़म न देना !!
तुम रखना हिफाजत से,
कभी इसको सजा न देना !!

है दुनियादारी क्या,
इसको ख़बर नहीं !!
नफरत का यारा इसमें,
ज़रा भी असर नहीं !!
कभी टूट जाये ये तो,
सीने से लगा लेना !!

है माँ का लाड़ला बहोत,
बस प्यार जानता है ये !!
अब तुझपे किया भरोसा,
बस तुमको मानता है ये !!
बस तेरी है ये अमानत,
सुध इसकी लेते रहना !!
------

वेदव्यास मिश्र की अनोखी कलम से..

दोस्तो,
आज आप सभी को बताते हुए अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि लगभग-लगभग तीन साल से लगातार जिस उपन्यास "नेवला" के लिए
व्यस्त रहा,वो अब प्रकाशित हो चुका है..

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02. Amazon

03. Flipcart




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वेदव्यास जी,आपके मासूम दिल से निकली मासूम मखमली रचना मनमोहक है,अति सुंदर। आपकी निरंतर साधना से निकली उपन्यास "नेवला" के लिए आपको हृदय से बहुत बहुत बधाई। आपकी उपन्यास आनलाइन मंगा कर अवश्य पढूंगा।सादर अभिनन्दन!!

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर रचना 👌 🙏🙏प्रणाम

वेदव्यास मिश्र said

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल", जी, ये आपका बड़प्पन है मित्र सोनवानी जी कि आपने मेरी रचना को इतना महत्व दिया !! एक रचनाकार को निश्चित ही उसका ऑडियंस ही जिन्दा रखता है ..आप जैसे शुभचिन्तकों से ही हम,आप सभी रचनाकार जुड़े हुए हैं !! " नेवला " एक ऐसी स्टोरी है जिसमें सबसे पहली बात ये अपने टाइटल को सिद्ध करता है..उपन्यास के आठों तत्व से सुसज्जित है यह उपन्यास !! शुरू करने के बाद पाठक वर्ग सीधे अन्त में ही जाकर रूके..इस शर्त को पूरा करना था !! मुझे व्यक्तिगत रूप से खुशी और राहत इस बात की है..जीवन में बहुत सी मानसिक बाधायें आने के बाद भी इसे सही मुकाम तक पहुँचा पाया !! अब इसका फैसला आप पाठक वर्ग के हाथ में है !! यकीन है, यह उपन्यास जरूर पसंद आयेगा और पाठक वर्ग को मनोरंजन देने के साथ ही साथ कुछ सवालों का समाधान भी दे पायेगा !! नेवला..Not a loser..एक सामाजिक व साहित्यिक उपन्यास है जो अपने सही मुकाम पर पहुँचे,यही आकांक्षा है !! बहुत-बहुत आभार आपका 💝💝

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, सहृदय साभार नमन सुप्रभात 🙏🙏

वन्दना सूद said

बहुत सुंदर रचना sir 👌👌👏👏 आपको बहुत बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएँ 💐💐

Ankush Gupta said

बहुत सुंदर रचना 👌👌 आपको बहुत बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएँ 👏👏🎉🎉🎊🎊✍️✍️

वेदव्यास मिश्र said

Ankush Gupta जी, आभार भाई थैंक्स 🙏🙏💝💝🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत प्यारी और मासूम भावनाओं से भरी रचना है! दिल की सरलता और मासूमियत ने दिल छू लिया - Saadar Pranam Adarneey Acharya Ji 🙏🙏, नेवला उपन्यास के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएँ। आशा करता हूँ नेवला उपन्यास जिस मंशा के साथ लिखा गया है, आपकी मेहनत उसे उसके मुकाम तक पहुँचाएगी।

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, ईश्वर करे,ये मंशा पूरी हो..बाकी हम सब मनुष्य ही हैं! हमारी भी एक सीमा है ! हाँ, ये जरूर कहा जा सकता है कि इस कहानी को गढ़ते समय पूरे 360° से ठोका-पीटा है..यब जाकर तैयार किया है !! कहानी में नवीनता भी है.. स्टोरी में उपन्यास के जितने भी 8 तत्व जरूरी हैं..मैंने ध्यान रखा है ! बाकी बातें फिर कभी मेरे हृदय मित्र 🙏🙏💝🙏🙏

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