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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बातों बातों में

बातों बातों में
बातें कुछ ऐसे शुरू हुईं
कि समय बीतता चला गया
और जब बातें थम गईं,
तो एहसास हुआ कि
बातों में बात तो कुछ थी ही नहीं ,
‘मैं’शब्द ने ही उलझाए रखा
मैं वहाँ गया ,मैंने यह सोचा,मैंने यह किया
मेरी लाइफ,मेरे लक्ष्य और सिर्फ़ मेरा वजूद
जाने-अनजाने हमारी बातें ‘मैं’ ने ले लीं
आज हर कोई स्वयं को सुनाना चाहता है
शायद असल ज़िन्दगी कहीं गुम हो गई है
जहाँ दूसरों की बातें सुनने का शौक़ हुआ करता था
मिलकर हंसी ठठोली हुआ करती थी
मनाना रूठना हुआ करता था
दिखावटी रंग कहीं मिलता ही नहीं था
महफ़िलें महफ़िलों की तरह ही लगती थीं
परिवारों के आँगन ख़ुशियों से चहकते दिखते थे
ज़िन्दगी अपने रंग बदलते हुए भी जीने के काबिल हुआ करती थी..
वन्दना सूद


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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रीना कुमारी प्रजापत said

Shi kaha apne, aaj waisa kuch na raha

वन्दना सूद replied

Bilkul BS baatein hi reh gayi

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sahmat hu mam bahut sach kaha

वन्दना सूद replied

🙏🙏

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