कविता : मैं तुम्हारे लिए....
खाना बनाऊंगा तुम्हारे लिए
थाली में खिलाऊंगा तुम्हारे लिए
मेरे घर पर आओ न प्रिय
दिया जलाऊंगा तुम्हारे लिए
नजरें मिलाऊंगा तुम्हारे लिए
मेरे घर पर आओ न प्रिय
बर्बाद हो जाऊंगा तुम्हारे लिए
तारे चांद ले आऊंगा तुम्हारे लिए
मेरे घर पर आओ न प्रिय
सब रिश्ता तोडूंगा तुम्हारे लिए
सभी को छोडूंगा तुम्हारे लिए
मेरे घर पर आओ न प्रिय
क्रीम पावडर लगाओ न प्रिय
खूबसूरत चेहरा दिखाओ न प्रिय
मेरे घर पर आओ न प्रिय
किसी के साथ न जाओ न प्रिय
मुझ को गले से लगाओ न प्रिय
मेरे घर पर आओ न प्रिय
मेरे घर पर आओ न प्रिय.......
netra prasad gautam