सब लोग चल रहे हैं जमाने के साथ साथ
हम अब भी वहीं खड़े हैं सिर्फ खाली हाथ।
इतना कमा लिया है लोगों ने कुछ दिनों में
हमें कई जन्म होंगे लेने लेकर हजारों हाथ।
अफ़सोस कुछ नहीं तो गिला भी कुछ नहीं
जो जिसको चाह लेगा जायेगा उसके साथ I
अब दास कौन आया है इंसाफ का मसीहा
बस दौलत से धो रहा है ये मुजरिमों के दागI
दुनियां की नजर में हम तो काफिर बने रहेंगे
मन्दिर भी जायेंगे हम मस्जिद के साथ साथ II