किसे पड़ी है क्यों वो रोता
किसे क्या मतलब क्या है खोया
क्या है सपने हम क्यों सोचे
जो है काटा वही था बोया
रात अधूरी बात अधूरी
अधूरे सपने, ज्ञात अधूरी
शून्य अंधेरा अधर भी मौन
बात अनसुनी, तू है कोन
भीड़ भरे सन्नाटे मैं तू अकेला रह गया
बिना अधर हिलाये सब कुछ कह गया
लिखा कलम क्या गुज़रा उस पर
शीत शरीर पड़ा था भू पर
थमी थी सांसे उड़ गए थे प्रान
वो खुद के लिए बन गया हैवान
रस्सी झूला पसन्द था उसको
उसी पर मिला था,शव ठंडा उसका
पत्र मिला भद्दे से हाल मैं
कुछ अश्रु तर कुछ मकड़ी जाल में
चुप्पी साधे चला गया था
बस एक पत्र सब कह गया था
मौन है पसरा,फिर सन्नाटे में
कौन ये सोचे क्या था बीता
फिर.... किसे पड़ी है क्यों वो रोता
किसे क्या मतलब क्या है खोया....
----संजय किरार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




