जखम,जो दिए थे
अब भी हरा हरा है
बस, लोगों की नजर में
दिखता भरा भरा है
हमारा मुस्कराना,
सिर्फ, होंठों के ऊपर है
दिल में जो दर्द है
राज़,गहरा गहरा है
उबर नहीं पायें हैं,हम
तुम्हारी बेरूखी से
दिल पर हमारी, सिर्फ
तुम्हारी नफरतों का पहरा है।
सर्वाधिकार अधीन है