New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जाग उठा शिव

उत्तराखंड त्रासदी जून 2013
पर लिखीं गयी एक रचना
जाग उठा शिव
जाग उठा शिव कर तांडव
डम डम डम डमरू का नाद
ता धिन धिन ता शिव संग
नाच रहे घनश्याम
चरण लिए सुर लय ताल
नैना भरे क्रोध अंबार
जाग उठा --
लपट लपट उठ रही फुहार
बरखा नहीं भीषण है आग
कर रहा भैरव नर्तन
हो रहा अब परिवर्तन
हिल गयी धरतीं कंपित अम्बर
देव क्रोध में महा भयकंर
भवन गिरे हैं तिनका तिनका
धरनी पट गयी अब लाश
जाग उठा शिव कर तांडव
जहां कभी था भक्तन का रेला
गाजे-बाजे संग लगा था मेला
हुआ चीत्कार सा नया सवेरा
उजड़ गया हर इक बसेरा
प्रकृति हुई थी अनाथ
सुदृढ़ -सुजल है विश्वनाथ
पर वीभत्स हुआ केदार
वीभत्स हुआ केदार
#अर्पिता पांडेय




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

उत्तराखंड त्रासदी जून २०१३ जिसका आपने जीकर किया आज भी रोंगटे खड़े कर देती है, आपने बहुत सुन्दर रचनात्मकता प्रदर्शित की है प्रणाम नमन

Arpita pandey replied

Dhanyawad sir 🙏

ताज मोहम्मद said

जय महाकाल बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। ये आपकी कलम की सुंदरता को दर्शाता है।

Arpita pandey replied

Thank you sir ji 😊

डॉ कृतिका सिंह said

Uttam prastuti

Arpita pandey replied

Thank you ma'am

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


लिखन्तु - ऑफिसियल

हमारा पता - कवि सौर यादव

Mar 19, 2024 | कविताएं - शायरी - ग़ज़ल | लिखन्तु - ऑफिसियल  | 👁 48,033
© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन