दिल में ज़ख़्म छुपा कर हम मुस्कुरा रहे थे
लोग समझे दिन हमारे मस्ती में जा रहे थे
दर्द-ए-दिल बताने की कभी ख़ता न करना "श्रेयसी"
मैंने देखा है लोगों को सुनकर ठहाके लगा रहे थे
जेबें ख़ाली हो तो भी जूते ज़्यादा चमका कर पहनना
वर्ना नीची औकात वालों को तो वो ठोकर लगा रहे थे

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




