जब सब कुछ है मेरे पास फिर क्यों उसका
इंतज़ार है मुझे,
सभी बहुत प्यार करते हैं मुझसे फिर क्यों उसके
प्यार की तलाश है मुझे।
आरज़ू है जिसकी शायद हक़ीक़त में वो
है ही नहीं,
फिर क्यों उसके ना मिलने का मलाल है मुझे।
उसकी तन्हाई में आंखें क्यों नम है मेरी,
बिना उसके ज़िंदगी क्यों बेरंग है मेरी।
मिल जाए वो तो सारे ख़्वाब पूरे हो जाए,
बिना उसके मंज़िल पाने की कोशिश
नाकाम है मेरी।
उसके ना होने का क्यों गम है मुझे,
कोई नहीं है वो मेरा फिर क्यों उसे पाने की
लगी लगन है मुझे।
ख़ुद से ज़्यादा प्यार है मुझे उससे,
फिर क्यों उसके होने का विश्वास कम है मुझे।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




