गिरा के जुल्फें घटाएं जैसी
हमारे दिल पर बरस रही हो
झुका के पलकें हमारी नींदे
उड़ा उड़ा के मचल रही हो
अजब कशीस है तेरी नज़र में
नज़र नज़र को बेगाना कर दे
जवां हो तुम भी, जवां हैं हम भी
यही समझ के उछल रही हो
अदाएं हो गई तुम्हारी कातिल
हुआ है घायल हमारा ये दिल
हम जी रहें हैं या मर रहे हैं
ये जान तुम क्यों मचल रही हो
तुम्हारी धड़कन में क्या धड़क है
हमें जरा भी पता नहीं है
हमारी धड़कन तुम्हें पता है
इसीलिए तुम कुचल रही हो
दीवानापन तो हमारी हद है
तुम्हारी हद ने बना दी पागल
चलाया कैसे ये हम पे जादू
कहां कहां से निकल रही हो
गिरा के जुल्फें...…....
सर्वाधिकार अधीन है